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अमृत गंगा S2-03 अमृत गंगा के सीज़न २ की तीसरी कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि हृदय में प्रेम हो तो सर्वत्र सौन्दर्य ही सौन्दर्य दिखाई देता है। प्रेम के अभाव में, विश्व-सुन्दरी भी हमें कुरूप मालूम हो सकती है। कारण है अपना मन! जो हमें भाता हो, हो सकता है, दूसरे को बिल्कुल […]

अमृत गंगा 9 अमृत गंगा की नवीं कड़ी में, अम्मा बता रही हैं कि ईश्वर कहीं दूर, बादलों के पार.. स्वर्ण-सिंहासन पर नहीं बैठा। ईश्वर हम सबके भीतर विद्यमान है। जब हम दूसरों की सहायता करते हैं तो हमारे भीतर विद्यमान परमात्मा जागृत हो उठता है। जैसे वृक्ष को बीज के बाहरी खोल को तोड़ […]