अमृत गंगा S2-41 अमृत गँगा सीज़न २ की इकतालीसवीं कड़ी में, अम्मा बता रही हैं कि हम अहंकार की आँखों से देखते हैं। अहंकार मनुष्य की सभी समस्याओं का मूल कारण है। यही ‘मैं’, ‘मेरा’ और ‘मुझे चाहिए’ के भावों का निर्माता है। यही कारण है हमारी इतनी सारी पूर्वधारणाओं का। अहंकार के अभाव में […]
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एक बार एक व्यक्ति बहुत समय से बेरोजगार था। फिर एक दिन, उसे एक नौकरी के लिए इंटरव्यू हेतु बुलाया गया। अन्त में, उसे यह नौकरी नहीं मिली। हताश-निराश हो कर वह एकान्त-स्थान पर बैठ कर, अपनी ठुड्डी को हथेलियों पर टिकाये सोच में डूब गया। तभी किसी ने उसका कन्धा थपथपाया। पलट कर देखा […]
फूल जब कली होता है तो हम उसकी सुगंध एवं सौन्दर्य का आनन्द नहीं उठा सकते। और उसे खींच-खींच कर खोलने में तो कोई समझदारी नहीं है। हमें उसके सहज विकास के लिए धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करनी होगी, तभी हम उसके सौन्दर्य एवं सुगंध का आनन्द ले सकेंगे। यहाँ धैर्य की आवश्यकता है। प्रत्येक पत्थर में […]