अमृत गंगा S3-86 सीज़न 3, अमृत गंगा की छियासीवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘सदा समाधिस्थ रहते हुए भी, महादेव सृष्टि-स्थिति-लय-कर्ता तो हैं ही, नटराज भी हैं।’ अम्मा के कार्यक्रम ‘ऑस्ट्रेलिया’ की मेलबर्न सिटी में । अम्मा भजन गाती हैं ‘गणेश सिद्धि दाता’
अध्यतन वार्ता
- मुस्कुराना-आदत बनाओ
- नयापन निःस्वार्थ प्रेम एवं कर्म से जुड़ा है
- आध्यात्म से मृत्यु को स्वीकारना सहज बनता है
- परिवर्तनशील जगत में नयापन अल्पकालिक है
- जैसी करनी वैसी भरनी
- कल के लिए कोई काम न टाले
- आध्यात्मिक अनुशासित दिनचर्या आवश्यक है
- साधना में मनोभाव का प्राधान्य है
- दूसरों के काम आए, वही सच्ची संपत्ति और ऐश्वर्य है
- छोटे-छोटे कर्मों में भी सतर्कता भरते
When Love is there, distance dosen't matter.
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