प्रश्न— यदि किसी व्यक्ति में, आत्मज्ञान पाने के बजाय, सद्गुरु की सेवा की भावना प्रबल हो तो क्या सद्गुरु उसे अगले जन्मों में भी उपलब्ध होंगे? अम्मा— यदि यह भावना ऐसे शिष्य की है जिसने सद्गुरु को पूर्ण समर्पण कर दिया है, तो सद्गुरु निश्चय ही सदा उसके साथ रहेंगे। परंतु शिष्य को एक क्षण […]
अध्यतन वार्ता
- अम्मा ने पुलवामा में शहीद CRPF जवानों के परिवारों को दिए 5 लाख रुपए
- मंदिर हमारी संस्कृति के स्तम्भ हैं, उनका संरक्षण नितांत आवश्यक है
- प्रधानमन्त्री मोदी ने अम्मा को स्वच्छ भारत योगदान के लिए पुरस्कृत किया
- प्रेम का दीप जला कर आगे बढ़ चलो
- नवरात्रि – इस जगत को चलाने वाली पराशक्ति का पूजन
- माताजी वेदान्त का साक्षात स्वरूप – योगगुरु श्रीरामदेवजी बाबा
- धर्मगुरु विश्व के दर्पण बनें
- क्रोध-शमन हेतु मन का मौन
- ध्यान अनमोल है
- अहंकार को सौन्दर्य नहीं दिखता
When Love is there, distance dosen't matter.
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