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अमृत गंगा S2-21 अमृत गँगा सीज़न २ की इक्कीसवीं कड़ी में अम्मा कहती हैं कि बुरी वासनाओं पर विजय पाना कठिन है। मन में बुरे विचारों की चिंगारी उठते ही, उसे बुझाना आसान होता है। लेकिन उन्हें शीघ्र न बुझाया जाये तो भयानक और विनाशकारी आग का रूप ले सकती हैं। हम उन्हें शुरुआत में […]

अमृत गंगा S2-05 अमृत गँगा, सीज़न २ की पाँचवीं कड़ी में, अम्मा बता रही हैं कि जगत में रहते-रहते हम वासनाओं का निर्माण कर लेते हैं। लेकिन जब तक वासनाएं हैं, तब तक दुःख भी रहेंगे। जहाँ आग है, वहां धुआँ तो होगा! जब मन का झूला सुख की ओर जा रहा होता है, तब […]