अमृत गंगा S3-39 सीज़न 3, अमृत गँगा की उनतालीसवीं कड़ी में अम्मा कहती है मनुष्य-जीवन पाकर क्या हम विवेक सहित रहते हैं? विवेक जहाँ अपने आपे को खोलने की कुञ्जी है; वहीं जीव-जगत के प्रति करुणा को बढ़ाने का साधन भी है। इस कड़ी में अम्मा की यात्रा जर्मनी के हॉफ हैरनबर्ग में ही जारी है। […]
अध्यतन वार्ता
- मुस्कुराना-आदत बनाओ
- नयापन निःस्वार्थ प्रेम एवं कर्म से जुड़ा है
- आध्यात्म से मृत्यु को स्वीकारना सहज बनता है
- परिवर्तनशील जगत में नयापन अल्पकालिक है
- जैसी करनी वैसी भरनी
- कल के लिए कोई काम न टाले
- आध्यात्मिक अनुशासित दिनचर्या आवश्यक है
- साधना में मनोभाव का प्राधान्य है
- दूसरों के काम आए, वही सच्ची संपत्ति और ऐश्वर्य है
- छोटे-छोटे कर्मों में भी सतर्कता भरते
When Love is there, distance dosen't matter.
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