अमृत गंगा S2-03 अमृत गंगा के सीज़न २ की तीसरी कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि हृदय में प्रेम हो तो सर्वत्र सौन्दर्य ही सौन्दर्य दिखाई देता है। प्रेम के अभाव में, विश्व-सुन्दरी भी हमें कुरूप मालूम हो सकती है। कारण है अपना मन! जो हमें भाता हो, हो सकता है, दूसरे को बिल्कुल […]
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अमृत गंगा 23 अमृत गंगा की तेईसवीं कड़ी में, अम्मा हमें बता रही हैं कि सब प्रकार के अनुभवों का कारण मन है। हमें अपने मन को जानना होगा। लोग हमें सराहें तो हम हर्षोल्लास से भर जाते हैं और आलोचना कर दें तो क्रोध और निराशा हमें घेर लेते हैं। जैसे संकट का भान […]