अमृत गंगा S2-46 अमृत गँगा,सीज़न २, की छियालीसवीं कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि प्रायः,हम ईश्वर को केवल दुःख के समय पुकारते हैं; इसीलिये दुःख हमें ईश्वर के समीपतर ले जाता है! ऐसा तभी संभव है यदि दुःख-मुसीबत में हमारा बोध बना रहे! यदि हमारे ह्रदय में बाल-सुलभ निष्कलङ्कता लिए प्रार्थना करेंगे तो निश्चय […]
अध्यतन वार्ता
- शुद्ध प्रेम की भाषा असीमित है
- जो दोगे वही पाओगे
- जीवन को उत्सव बनाए
- विषाद – परमात्मा स्मरण का अवसर
- महात्मा के सामीप्य से ईश्वरत्व जगता है
- साधना नाम है सावधानी का
- ध्यान दे तो हर वस्तु शिक्षाप्रद है
- हर व्यक्ति, वस्तु हमारा गुरु हो सकता है
- प्रतिक्षण मनन करके आंतरिक ऊर्जा संचय करें
- हर अनुभव पूर्व कर्म का फल है
When Love is there, distance dosen't matter.
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