अमृत गंगा S2-30 अमृत गँगा सीज़न २ की तीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं कि हमें बेहतर भविष्य के निर्माण के प्रति दृढ़ संकल्प लेना चाहिए। जीवन आकस्मिक, अप्रत्याशित घटनाओं की शृंखला का नाम है। हमें अपना ध्यान रुकावटों से हटा कर लक्ष्य की ओर केंद्रित करना चाहिए। हम पीछे मुड़-मुड़ कर देखते रहे तो […]
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अमृत गंगा S2-17 अमृत गँगा सीज़न २ की सत्रहवीं कड़ी में अम्मा कह रही हैं कि हमारा मन ध्वनि-प्रदूषण में फंसा हुआ है और हमें इसे संयमित करने का प्रयत्न करना चाहिए। ऋषि-मुनियों ने निरंतर प्रयत्न द्वारा इसकी प्राप्ति की। उसी प्रकार हमें भी ध्यान आदि जैसी आदतें विकसित करनी चाहियें। जब मन भटके तो […]
अमृत गंगा S2-04 अमृत गंगा-सीज़न २ की चौथी कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि हम दूसरों पर उंगली उठाने से पहले अपनी ओर देखें। हम अपनी गलतियों को देखें तो माइक्रोस्कोप से, जबकि दूसरों को टेलिस्कोप द्वारा। जब हम किसी से नाराज़ हों तो उसे अपनी ही कमियाँ दिखाने वाले आईने की तरह देखा […]
अमृत गंगा S2-01 अमृत गंगा सीजन 2 की पहली कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि हम आत्म-जगत में प्रवेश करें! ऐसा तभी हो सकता है यदि हमारे अहम् में कमी आये। अहंकार को छोड़ कर,शेष सब ईश्वर-सृष्टि है। अहंकार, हमारी अपनी सृष्टि है। हमीं ने इसे रचा है और हमें ही इसे मिटाना होगा। […]
अमृत गंगा 10 अमृत गंगा की दसवीं कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि अपने में परिवर्तन लाने के लिए, हमें राह नहीं देखनी कि पहले दूसरे बदलें। बल्कि, पहले हम बदलें और दूसरों के लिए प्रेरणा-स्रोत बनें। हमारा प्रत्येक सत्कर्म, प्रत्येक सुविचार कई गुणा फल देगा। जब हमारे हृदय में अरुणोदय होगा तो उसका […]