अमृत गंगा S3-09 अमृत गँगा, सीज़न ३ की नवीं कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि कृपा का पात्र बनने के लिए हम अच्छे वचन बोलें और अच्छे कर्म करें। वचन किसी साँचे जैसे होते हैं। सांचे में दोष होगा तो उसमें जो भी डालेंगे, विकृत हो जायेगा। इसलिए वचनों में सावधानी बरतें; बोलने से […]
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अमृत गंगा 18 अमृत गंगा की अठारहवीं कड़ी में, अम्मा हमें बता रही हैं कि जब चीज़ें हमारे मन मुताबिक न हों तो इसे अपने पूर्वकर्मों का फल समझना चाहिए; भाग्य को दोष नहीं देना चाहिए। रोने-धोने की बजाय हमें इसे स्वीकार करके, आगे बढ़ जाना चाहिए। अगर कोई फ़िसल कर गिर जाता है तो […]