अमृत गंगा S2-36 अमृत गँगा, सीज़न २ की छत्तीसवीं कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि हम नए वर्ष के आरम्भ होते संकल्प तो अक्सर लेते हैं लेकिन अपनी पुरानी आदतों और वासनाओं के कारण उन्हें पूरा नहीं कर पाते। हम उन आदतों को छोड़ने को तैयार नहीं किन्तु जब तक उन्हें छोड़ते नहीं, परिवर्तन […]
अध्यतन वार्ता
- व्रत-अनुष्ठान : भगवान के लिए या हमारे लिए?
- त्याग में खोते नही, पाते ही है
- बोध हमारे कर्म में सतर्कता लाता है
- कुरूपता मे भी सौंदर्य दिख सकता है
- मन के गहराई में मौनता है
- भय से सतर्कता आती है
- क्षमा करने की तत्परता जीवन में ताज़गी लाता है
- मुस्कुराना-आदत बनाओ
- नयापन निःस्वार्थ प्रेम एवं कर्म से जुड़ा है
- आध्यात्म से मृत्यु को स्वीकारना सहज बनता है
When Love is there, distance dosen't matter.
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