अमृत गंगा S3-63 सीज़न ३, अमृत गँगा की त्रेसठ कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘ईश्वरार्पण बुद्धि सहित, समुचित कर्म में निरत व्यक्ति को कोई पराजित नहीं कर सकता; उसकी शान्ति बनी रहेगी।’ अम्मा की यात्रा लॉस एंजेलिस में जारी हैं। अम्मा ने भजन गाया है, ‘शुभ विधायक’।
अध्यतन वार्ता
- व्रत-अनुष्ठान : भगवान के लिए या हमारे लिए?
- त्याग में खोते नही, पाते ही है
- बोध हमारे कर्म में सतर्कता लाता है
- कुरूपता मे भी सौंदर्य दिख सकता है
- मन के गहराई में मौनता है
- भय से सतर्कता आती है
- क्षमा करने की तत्परता जीवन में ताज़गी लाता है
- मुस्कुराना-आदत बनाओ
- नयापन निःस्वार्थ प्रेम एवं कर्म से जुड़ा है
- आध्यात्म से मृत्यु को स्वीकारना सहज बनता है
When Love is there, distance dosen't matter.
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