अमृत गंगा S3-52 अमृत गंगा के सीज़न ३, एपिसोड बावन में, अम्मा कहती हैं, आवश्यकतानुसार लेकर, शेष दान दे दो – यही जीने की धार्मिक शैली है। यही सच्ची आध्यात्मिकता है। अमृत गंगा की इस कड़ी में अम्मा की यात्रा जापान में जारी है। अम्मा ने जो भजन गाया है, वो है ‘कृपा हो तेरी’!
अध्यतन वार्ता
- मुस्कुराना-आदत बनाओ
- नयापन निःस्वार्थ प्रेम एवं कर्म से जुड़ा है
- आध्यात्म से मृत्यु को स्वीकारना सहज बनता है
- परिवर्तनशील जगत में नयापन अल्पकालिक है
- जैसी करनी वैसी भरनी
- कल के लिए कोई काम न टाले
- आध्यात्मिक अनुशासित दिनचर्या आवश्यक है
- साधना में मनोभाव का प्राधान्य है
- दूसरों के काम आए, वही सच्ची संपत्ति और ऐश्वर्य है
- छोटे-छोटे कर्मों में भी सतर्कता भरते
When Love is there, distance dosen't matter.
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