अमृत गंगा S2-39 अमृत गँगा सीज़न २ की उनतालीसवीं कड़ी में, अम्मा गुरु-शिष्य सम्बन्ध को अलौकिक व उत्कृष्ट बता रही हैं। वो कहती हैं कि यह सबसे उदात्त सम्बन्ध है, जिसमें रंचमात्र भी स्वार्थ नहीं है..माँ-बच्चे सम्बन्ध से भी कहीं बढ़ कर! एक ओर है कृपा और वात्सल्य तो दूसरी ओर पूर्ण समर्पण और दास्य-भाव […]
अध्यतन वार्ता
- साधना में मनोभाव का प्राधान्य है
- दूसरों के काम आए, वही सच्ची संपत्ति और ऐश्वर्य है
- छोटे-छोटे कर्मों में भी सतर्कता भरते
- विनीत कर्मों से अनुशासन आता है
- अच्छी आदतों का नियमित रूप से पालन करें
- शब्दों का उपयोग सावधानी से करें
- कृतज्ञता, कृपा का स्रोत
- मूल्यौं का पालन ही आध्यात्मिकता है
- प्रेम – जीवन का आधार है
- शुद्ध प्रेम की भाषा असीमित है
When Love is there, distance dosen't matter.
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