अमृत गंगा S3-18 अमृत गँगा सीज़न ३ की अठारहवीं कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि हम किसी भी कार्य को बड़ा या छोटा न समझें बल्कि प्रत्येक कर्तव्य-कर्म को समान आदर दें। भगवान कृष्ण ने हमें दिखलाया कि हर कर्म आदरणीय है, गरिमामय है। उन्होंने जितने आनन्द से घोड़ों की सेवा की, उतने ही […]
अध्यतन वार्ता
- प्रतिक्षण मनन करके आंतरिक ऊर्जा संचय करें
- हर अनुभव पूर्व कर्म का फल है
- प्रिय वस्तु का अर्पण सही समर्पण है
- मोक्ष-प्राप्ति के लक्ष्य को भूले बिना कर्म करें
- अनुभव गुरु है, तदानुसार कर्म करें
- कर्मों का महत्त्व मनोभाव में निहित है
- मन ही अपना मित्र और शत्रु है
- धर्म से ही जग में समरसता है
- धर्म का प्रभाव समूचे प्रपंच में सम होता है
- राम राज्य सर्वोत्तम राज्य का पर्याय है
When Love is there, distance dosen't matter.
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