अमृत गंगा S3-64 सीज़न ३, अमृत गँगा की चौंसठवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘जीवन में परिस्थितियों का विवेक बुद्धि से सामना करो। विनय-भाव विकसित करो।’ अम्मा की यात्रा लॉस एंजेलिस में जारी है। अम्मा ने भजन गाया है, ‘गोविंद गोपाला’।
अध्यतन वार्ता
- साधना में मनोभाव का प्राधान्य है
- दूसरों के काम आए, वही सच्ची संपत्ति और ऐश्वर्य है
- छोटे-छोटे कर्मों में भी सतर्कता भरते
- विनीत कर्मों से अनुशासन आता है
- अच्छी आदतों का नियमित रूप से पालन करें
- शब्दों का उपयोग सावधानी से करें
- कृतज्ञता, कृपा का स्रोत
- मूल्यौं का पालन ही आध्यात्मिकता है
- प्रेम – जीवन का आधार है
- शुद्ध प्रेम की भाषा असीमित है
When Love is there, distance dosen't matter.
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