अमृत गंगा S2-44 अमृत गँगा, सीज़न २ की चौवालीसवीं कड़ी में अम्मा कहती हैं कि लहरों में तैरना जानने वाला, आनन्द का भागी होता है जबकि तैराकी न जानने वाले डूब सकते हैं। शास्त्रों और सत्संग का श्रवण करने वाले लोगों के साथ भी कुछ ऐसा ही है। उनमें सब परिस्थितियों को समत्वपूर्वक स्वीकारने योग्य […]
अध्यतन वार्ता
- साधना में मनोभाव का प्राधान्य है
- दूसरों के काम आए, वही सच्ची संपत्ति और ऐश्वर्य है
- छोटे-छोटे कर्मों में भी सतर्कता भरते
- विनीत कर्मों से अनुशासन आता है
- अच्छी आदतों का नियमित रूप से पालन करें
- शब्दों का उपयोग सावधानी से करें
- कृतज्ञता, कृपा का स्रोत
- मूल्यौं का पालन ही आध्यात्मिकता है
- प्रेम – जीवन का आधार है
- शुद्ध प्रेम की भाषा असीमित है
When Love is there, distance dosen't matter.
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