अमृत गंगा S3-19 अमृत गँगा, सीज़न ३ की उन्नीसवीं कड़ी में अम्मा कहती हैं कि अक्सर लोगों को अपने नाम, पद-प्रतिष्ठा और जाति का अभिमान होता है लेकिन श्रीकृष्ण ने कभी किसी को नाम और पद के अनुसार बड़ा-छोटा नहीं माना। इन संकीर्णताओं से ऊपर उठ कर मानसिक विशालता और संतृप्ति मिलती है। इस कड़ी […]
अध्यतन वार्ता
- साधना में मनोभाव का प्राधान्य है
- दूसरों के काम आए, वही सच्ची संपत्ति और ऐश्वर्य है
- छोटे-छोटे कर्मों में भी सतर्कता भरते
- विनीत कर्मों से अनुशासन आता है
- अच्छी आदतों का नियमित रूप से पालन करें
- शब्दों का उपयोग सावधानी से करें
- कृतज्ञता, कृपा का स्रोत
- मूल्यौं का पालन ही आध्यात्मिकता है
- प्रेम – जीवन का आधार है
- शुद्ध प्रेम की भाषा असीमित है
When Love is there, distance dosen't matter.
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