अमृत गंगा S2-42 अमृत गँगा सीज़न २ की बयालीसवीं कड़ी में, अम्मा बताती हैं कि संसार में उलझे लोगों की आध्यात्मिकता में कोई रुचि नहीं होती। तभी तो शास्त्रों का बार-बार श्रवण करने के बाद भी कुछ लोग आत्मा और अनात्मा में, सनातन और क्षणभंगुर में विवेक नहीं कर पाते। उनमें न तो यह समझने […]
अध्यतन वार्ता
- नित्य बंधु आत्मा ही है
- फ़ोन उपयोगी है पर दास न बने
- इस जगत में कुछ भी तुच्छ नहीं।
- प्रयत्न से एकाग्रता आएगी ही
- हर दिन में नयापन और सुंदरता देखो
- दान में अपेक्षा ना हो
- व्रत-अनुष्ठान : भगवान के लिए या हमारे लिए?
- त्याग में खोते नही, पाते ही है
- बोध हमारे कर्म में सतर्कता लाता है
- कुरूपता मे भी सौंदर्य दिख सकता है
When Love is there, distance dosen't matter.
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