अमृत गंगा S3-66 सीज़न ३, अमृत गँगा की छियासठवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘एकमेव आत्म-तत्व की दृष्टि से देखें तो पुरुष और स्त्री में समान आत्मा है; क्यूँकि आत्मा अद्वितीय है।’ ‘डैलस’ में अम्मा की यात्रा जारी है। अम्मा भजन भी गाती हैं – ‘गणपति गुणनिधि’
अध्यतन वार्ता
- नित्य बंधु आत्मा ही है
- फ़ोन उपयोगी है पर दास न बने
- इस जगत में कुछ भी तुच्छ नहीं।
- प्रयत्न से एकाग्रता आएगी ही
- हर दिन में नयापन और सुंदरता देखो
- दान में अपेक्षा ना हो
- व्रत-अनुष्ठान : भगवान के लिए या हमारे लिए?
- त्याग में खोते नही, पाते ही है
- बोध हमारे कर्म में सतर्कता लाता है
- कुरूपता मे भी सौंदर्य दिख सकता है
When Love is there, distance dosen't matter.
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