बच्चों, भगवद्गीता वेदों का सार है। गीता का संदेश सम्पूर्ण मानवता के लिए है। जिस समय प्रतिकूल परिस्थितियों में अर्जुन अपना कर्तव्य निश्चित न कर पाने के कारण अवसाद ग्रस्त हो गया था, उस समय श्रीभगवान् ने भगवद्गीता के माध्यम से पूरे विश्व को सन्देश दिया था। इसमें भक्ति, ज्ञान, कर्म, योग और कई तरह […]
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एक बार एक व्यक्ति ने एक धनाढ्य इलाके में एक आलीशान भवन किराये पर लिया। धीरे-धीरे उसे भ्रम हो गया कि वो राजा है और बहुत अहंकारी हो गया। एक दिन एक साधु उसके घर पर भिक्षा मांगने आया तो उसने बड़ा निन्दनीय व्यवहार किया। साधु ने कहा, “तुमने यह घर किराये पर ही तो […]
“मैं देह हूँ” – एक असत भावना है। देह को जीवन प्रदान करने वाला है वो चेतन तत्व जो हमारा असली स्वरूप है। उदाहरण के लिए, जब तक पीटर नामक एक व्यक्ति जीवित है तब तक उसे गली में से गुज़रते देख कर लोग कहते हैं, “वो देखो पीटर जा रहा है।” किन्तु जब वे […]
हमारे देश में अनेक धर्मों के लोगों के लिए बहुत से पूजा-स्थल हैं – हिन्दू, मुसलमान, सिक्ख तथा ईसाई लोग अपने-अपने पूजा-स्थलों पर जा कर प्रार्थना करते हैं। फिर भी सच्ची धार्मिकता के विकास का कोई चिन्ह नहीं दिखाई पड़ता। कोई भी धर्म आक्रामकता तथा भ्रष्टाचार की अनुमति नहीं देता। उसके बावजूद हम अधिकाधिक ऐसी […]