अमृत गंगा S3-32 अमृत गंगा, सीज़न ३, की बत्तीसवीं कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि हममें विवेक और धैर्य होना चाहिए और क्रोध जैसी नकारात्मक भावनाओं के आवेश में आकर आवेगपूर्ण कर्मों से बचना चाहिए। अमृत गंगा की इस कड़ी में, अम्मा की यात्रा फ़्रांस के पैरिस में जारी है। अम्मा ने भजन गाया […]
अध्यतन वार्ता
- सुख के सच्चे स्रोत, ‘आत्मा’ को जाने
- आलस्य छोड़ कर्म में निरत रहने से संतृप्ति मिलती है
- सतर्कता ही भक्ति को महान बनाती है
- कुछ भी तुच्छ नही, ऐसा सामाजिक बोध जागृत करें
- श्रद्धा पूर्ण वर्तमान कर्मों से भविष्य शांतिदायक होगा
- संकट को कर्मफल मानकर ईश्वर पर दृढ़ विश्वास रखना चाहिए
- दुख के स्वीकार से दुख अशक्त होता है
- यथास्थिति स्वीकृति भाव जीवन में शांति और तृप्ति लाती है
- हर समस्या हमारे शक्ति के जागरण का माध्यम है
- झुकने और देने का मनोभाव अहंकार का नाश करता है
When Love is there, distance dosen't matter.
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