अमृत गंगा S3-101 सीज़न 3, अमृत गंगा की एक सौ एक वीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “ईश्वर, कानों का कान, मनों का मन, आँखों की आँख है। हम सब हृदयों के सर्वांतर्यामी ईश्वर का हृदय में आह्वान करें!” अम्मा की यात्रा मलेशिया में। अम्मा भजन गाती हैं ‘वागधीश्वरी शारदे‘।
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अमृत गंगा S3-94 सीज़न 3, अमृत गंगा की चौरानवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘इन्द्रियां, मन स्वाद के पीछे जाते हैं। रसना का, आँखों का, कान का स्वाद! ऐसे भटकता है मन! यह सब मन का वेश्यापन है; इसीलिये अनुशासन आवश्यक है। साधना का उद्देश्य ही है मन का संयम।’ अम्मा के कार्यक्रम ‘ऑस्ट्रेलिया’ में ब्रिस्बेन की […]