अमृत गंगा S2-49 अमृत गंगा,सीज़न २ की उनचासवीं कड़ी में,अम्मा ने कहा कि टेंशन-रहित तो आज कोई नहीं है; थोड़ी-बहुत tension तो हमेशा रहेगी; वस्तुतः यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य में सुधार ला सकती है और हमारी प्रतिभाओं व अंतरात्मा को जगा सकती है; हमें सुबह जल्दी उठने में सहायक हो सकती है। लेकिन अनावश्यक tension […]
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अमृत गंगा S2-28 अमृत गँगा,सीज़न २ की अट्ठाईसवीं कड़ी में,अम्मा कहती हैं कि अनुशासन की आवश्यकता हमारे अपने हितार्थ है। शरीर और मन को उपयोगी पात्र होना चाहिए। यदा-कदा उपवास करने से शरीर के भीतरी अवयवों की शुद्धि होती है। अंतःकरण की शुद्धि के लिए यम-नियम के पालन की आवश्यकता होगी। इस कड़ी में अम्मा […]
अमृत गंगा S2-15 अमृत गँगा सीज़न २, की पंद्रहवीं कड़ी में अम्मा कहती हैं कि अभी हमारा अपने मन पर संयम नहीं है। मन संसार-चक्र में फंसा है और आत्म-साक्षात्कार की प्राप्ति हेतु हमें इससे मुक्त होना होगा। हमें बाह्य और भीतरी अनुशासन और प्रार्थना की आवश्यकता है और मन्त्रों व यज्ञों की भी। ये […]