अमृत गंगा S2-37 अमृत गँगा सीज़न २ की सैंतीसवीं कड़ी में, अम्मा अच्छे स्वास्थ्य और धन-सम्पत्ति दोनों का महत्त्व बता रही हैं। हमारे पास धन-दौलत हो भी तो अच्छे स्वास्थ्य के अभाव में हम उसका आनन्द नहीं उठा सकेंगे। धन और स्वास्थ्य दोनों हों, तब भी जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वस्थ […]
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अमृत गंगा S2-36 अमृत गँगा, सीज़न २ की छत्तीसवीं कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि हम नए वर्ष के आरम्भ होते संकल्प तो अक्सर लेते हैं लेकिन अपनी पुरानी आदतों और वासनाओं के कारण उन्हें पूरा नहीं कर पाते। हम उन आदतों को छोड़ने को तैयार नहीं किन्तु जब तक उन्हें छोड़ते नहीं, परिवर्तन […]
अमृत गंगा S2-35 अमृत गँगा सीज़न २ की पैंतीसवीं कड़ी में,अम्मा कह रही हैं कि जैसे सब जगह कैमरे लगे हैं,वैसे ही हमारे भीतर भी एक कैमरा है..हमारी अंतरात्मा का कैमरा! यह हमारे सब कर्मों को रिकॉर्ड करता है। ईश्वर हमारे अंदर है पर हम राग-द्वेष व काम- क्रोध के वशीभूत हो,उसे अनुभूत नहीं कर […]
अमृत गंगा S2-34 अमृत गँगा सीज़न २ की चौंतीसवीं कड़ी में,अम्मा कह रही हैं कि ईश्वर कोई व्यक्ति नहीं जो एक को दंड दे और दूसरे को क्षमादान! साथ ही,इसका यह अभिप्राय भी नहीं कि हम मनमाना जीवन जियें!कि मैं जैसे चाहूँ,जिऊंगा!” यही मनोभाव सब मुसीबतों की जड़ है। इस मनोभाव से न तो ‘हमें’ […]
अमृत गंगा S2-33 #अमृतगँगा सीज़न २ की तैंतीसवीं कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि जीवन में कठिनाइयों के आने पर हमें निरुत्साहित नहीं होना चाहिए। हमें अपना आत्मविश्वास और मनोबल नहीं खोना चाहिए। ये हमारी सच्ची सम्पत्ति हैं। इन्हें खोया तो मानो सब खो दिया। इसलिए हमें प्रतिकूल विचारों को स्थान ही नहीं देना […]

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