अमृत गंगा S3-78 सीज़न 3, अमृत गंगा की अठहत्तरवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘हम रामायण पढ़ते हैं राम बनने के लिए; गीता पढ़ते हैं कृष्ण बनने के लिए!’ ‘न्यूयॉर्क’ में अम्मा की यात्रा जारी है। अम्मा भजन गाती हैं ‘गणेशाय नमः ॐ’
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अमृत गंगा S3-77 सीज़न 3, अमृत गंगा की सतहत्तरवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘लोभ-वृत्ति सर उठायेगी तो कृपा का प्रवाह बाधित हो जायेगा।’ ‘न्यूयॉर्क’ में अम्मा की यात्रा जारी है। अम्मा भजन गाती हैं ‘प्रभू प्यार की ज्योत जला दो’।
अमृत गंगा S3-76 सीज़न 3, अमृत गंगा की छिहत्तरवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘प्रत्येक वस्तु का अपना धर्म है; पालन न करने पर यह हम पर पलटवार करेगा।’ ‘वाशिंगटन डी.सी’ में अम्मा की यात्रा जारी है। अम्मा भजन गाती हैं ‘जय जय शंकर (कन्नड़ा)’ ।
अमृत गंगा S3-75 सीज़न 3, अमृत गंगा की पचहत्तरवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘प्रेम में, व्यक्ति सब कुछ भुला सकता है; कुछ कष्टकारक अनुभव नहीं होता – यह प्रेम की विशेषता है।’ ‘वाशिंगटन डी.सी’ में अम्मा की यात्रा जारी है। अम्मा भजन गाती हैं ‘जय गोपालक जय हितकारी ।
अमृत गंगा S3-74 सीज़न 3, अमृत गंगा की चौहत्तरवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘विनयशीलता से अनुशासन आता है। अनुशासन हमें टकराव से बचाता है; प्रेम उत्पन्न होता है और हम प्रेम ही हो जाते हैं।’ ‘वाशिंगटन डी.सी’ में अम्मा की यात्रा जारी है। अम्मा भजन गाती हैं ‘रात दिन ढ़लती जाये..।

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