Category / उपदेश

प्रश्न- क्या ईश्वर ही, हमसे सब कुछ नहीं करा रहे हैं? अम्मा- हाँ, लेकिन ईश्वर ने हमें बुद्धि भी दी है ताकि हम विवेकपूर्वक कार्य कर सकें। हमें सभी कार्य विचारशीलता से, विवेकपूर्वक करना चाहिये। भगवान ने तो जहर भी बनाया है, पर कोई अकारण ज़हर नहीं खाता तब हम अपने विवेक का उपयोग करते […]

प्रश्न— मेरी समझ में नही्‌ आता कि र्ईश्वर की बनाई वस्तुओं के उपभोग से आनंद लेने में क्या आपत्ति है? ईश्वर ने हमें इन्द्रियाँ क्या इसीलिये नही दी हैं कि हम वस्तुओं का आनंद ले सकें? अम्मा— जैसा अम्मा ने अभी कहा, कि हर वस्तु की नियम और सीमाएँ है और हमें उन नियमों के […]

प्रश्न – मंदिरों में भोग चढ़ाने की जरूरत क्या है? अम्मा – भगवान को हमसे किसी चीज की जरूरत नहीं है। समस्त सृष्टि के नाथ – उस त्रिलोकीनाथ को किस चीज की कमी है? सूरज को मोमबत्ती की क्या आवश्यकता है? वास्तविक चढ़ावा तो सही जीवन तत्त्व को जान समझकर, उसके अनुसार जीवन यापन करना […]

इसपर शायद बच्चे पूछें कि प्रभु को पुष्प चढाने की क्या आवश्यकता है। वह केवल परंपरागत आचार नहीं है। उसमें व्यावहारिकता भी है। ईश्वर को फूल चढाने के लिये लोग पौधे लगाते हैं। पौधा लगाना व उसका पालन पोषण उनका व्यवसाय बन गया है। फूल तोडनेवालों को उपजीविका मिलती है। फूल का निर्यात करनेवालों को […]

तत्त्व को समझकर हमें ईश्वर भजन करना चाहिए। भिन्न देवी-देवताओं के पृथक अस्तित्व में विश्वास न रखते हुए हमें सभी भिन्न देवरूपों को उस परम सत्ता के भिन्न रूप या पक्ष मानना चाहिए। प्रेमपूर्वक ईश्वर भजन करना चाहिए। वे हमारे मन की सभी इच्छाओं को जानते हैं। तब भी उनके सम्मुख अपने हृदय की भावनाओं […]