Category / अमृतगंगा

अमृत गंगा S3-37 सीज़न 3, अमृत गँगा की सैंतीसवीं कड़ी में अम्मा ने कहा कि शिव-तत्त्व का सार ही है, भगवान शिव के वास्तविक तत्त्व में जागना। अपने भीतर झांकना और अपने सच्चे स्वरुप को जान कर प्रत्येक वस्तु, व्यक्ति में आत्मा के उस एकत्व के दर्शन करना। अम्मा की यात्रा जर्मनी के हॉफ़ हैरनबर्ग […]

अमृत गंगा S3-36 सीज़न 3, अमृत गँगा की छत्तीसवीं कड़ी में अम्मा कह रही हैं कि, “इस मनुष्य-जीवन का उद्देश्य है कि हम प्रेम में जन्में, प्रेम में जियें और फिर प्रेम में ही लीन हो जाएँ। अध्यात्म और भगवद्भक्ति ही इसकी प्राप्ति के उपाय हैं।” अम्मा की यात्रा जर्मनी के स्टैनबर्ग में पहुंची है। […]

अमृत गंगा S3-38 सीज़न ३, अमृत गंगा की अड़तीसवीं कड़ी: अम्मा कह रही हैं कि सांसारिक जीवन जीते हुए भी यदि मनुष्य में आत्म-साक्षात्कार के उत्कृष्टतम लक्ष्य के प्रति प्रेम हो तो उसमें वैराग्य का बल आ जायेगा। मन के खड़े किये हुए विघ्न-बाधाओं पर विजय पाने की शक्ति आ जाएगी। अम्मा की यात्रा अब […]

अमृत गंगा S3-35 सीज़न 3, अमृत गँगा की पैंतीसवीं कड़ी में अम्मा कह रही हैं कि सुख हमें अपने भीतर खोजना चाहिए, बाह्य जगत में नहीं। भीतर खोजें तो हम उतना ही लेंगे जितना आवश्यक है, और सुख-संतृप्ति के बाद शेष दूसरों के साथ बांटना सीखेंगे। अम्मा की यात्रा अभी म्यूनिख़ में ही है। नंद […]

अमृत गंगा S3-34 अमृत गँगा,सीज़न ३ की चौंतीसवीं कड़ी में अम्मा कहती हैं कि मनुष्य को या तो अतीत की स्मृतियों में रहना अच्छा लगता है या भविष्य के सुहाने सपनों में! हमारी सब समस्याओं का प्रमुख कारण ही यह है कि हम अपने मूल आधार को भुला बैठे हैं! अम्मा का कारवाँ जर्मनी के […]