अमृत गंगा S4-31 सीज़न 4, अमृत गंगा की इकतीसवीं कड़ी में, अम्मा बताती हैं, “की कैसे प्रेम हमारे आत्मतत्व को जागृत कर, हमारे अंदर हर तरह के सौंदर्य व सुगंध को जन्माता है।” अम्मा भजन गाती हैं, ‘भक्ति दे माँ।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा में – पुणे कार्यक्रम।
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अमृत गंगा S4-30 सीज़न 4, अमृत गंगा की तीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “बोधपूर्ण कर्म से कर्मफल प्रभावित नहीं होता, यही आनंद का रहस्य शिवरात्रि हमें याद दिलाती है!” अम्मा भजन गाती हैं, ‘शम्भो शंकर।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा में – पुणे कार्यक्रम।
अमृत गंगा S4-29 सीज़न 4, अमृत गंगा की उनतीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “जब शिष्य गुरु-वचन मानता है, तो गुरु-कृपा से पूर्णत्व प्राप्त होता है।” अम्मा भजन गाती हैं, ‘काज करो नित।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा चल पड़ी है पुणे की ओर।
अमृत गंगा S4-28 सीज़न 4, अमृत गंगा की अठाईसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “बचपन से बच्चों को पैसे का मूल्य, परिश्रम और आध्यात्मिक मूल्यों की शिक्षा दें। इससे वे आभारी बनेंगे और समय बर्बाद नहीं करेंगे।” अम्मा भजन गाती हैं, ‘सुन मेरी मैया।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा चल पड़ी है पुणे की […]
अमृत गंगा S4-27 सीज़न 4, अमृत गंगा की सत्ताईसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “घृणा और ईर्ष्या जैसे दोषों को हटाकर प्रेम, विश्वास और सहयोग को दिल में बसाएं, तब जीवन निरंतर बहती नदी जैसा होगा।” अम्मा भजन गाती हैं, ‘प्रेम से गाओ।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा चल पड़ी है पुणे की ओर।

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