अमृत गंगा S4-39

सीज़न 4, अमृत गंगा की उनतीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “कुत्ता हड्डी चबाते हुए सोचता है कि खून आ रहा है, पर वह बेहोश होने के बाद ही समझता है कि खून कहाँ से निकला था। वस्तु में आनंद नहीं है।” अम्मा भजन गाती हैं, ‘नाम एक रूप बहुतेर।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा में – मंगलुरु कार्यक्रम।