अमृत गंगा S2-18

अमृत गँगा सीज़न २ की अठारहवीं कड़ी में अम्मा कह रही हैं कि हमारा लक्ष्य आत्म-साक्षात्कार होना चाहिए। जीवन में आपदा-विपदा तो आती ही रहेंगी। जीत और हार स्वाभाविक हैं। लेकिन हमें कभी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। अपनी साधना कभी नहीं छोड़नी चाहिए। आगे बढ़ते रहना सीखना है।

इस कड़ी में अम्मा की भारत यात्रा लखनऊ की ओर चल पड़ी है। इस कड़ी में अम्मा जो भजन गा रही हैं, वो है..’समस्त पापनाशनम..’