अमृत गंगा S2-07
अमृत गँगा, सीज़न २ की सातवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं कि हमारे सपने और योजनाएं हमारे युवा अर्थात तरोताज़ा बनाये रखते हैं और हम में आत्मविश्वास पैदा करते हैं। आत्मविश्वास खो कर, हम मानो सब कुछ खो देंगे। हम सपने तो देखें लेकिन बस सपनों में ही न खोये रहें! कर्म तो करना होगा। फलदाता तो ईश्वर है लेकिन यदि हम उचित कर्म करके उसे अर्पण कर दें तो हमारे कर्म मानो जमाखाते में रहेंगे।
इस कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा, पुणे में जारी है। अम्मा का भजन: केशवा नारायणा माधवा गोविन्द।

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