अमृत गंगा S4-57

सीज़न 4, अमृत गंगा की सत्तावनवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “जन्म देने, पालन-पोषण करने और अंत में संहार करने वाली एक ही दिव्य शक्ति है। इस सत्य को पूरी तरह से समझ लेने से ही मनुष्य जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है।” अम्मा भजन गाती हैं, ‘सुन ले पुकार।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा में – त्रिशूर कार्यक्रम।