अमृत गंगा S4-32

सीज़न 4, अमृत गंगा की बत्तीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “त्याग ही अमृतत्व का मार्ग है, जो सब कुछ छोड़कर सब कुछ पाने की शक्ति देता है और आत्मावान बनाता है।” अम्मा गणेश भजन गाती हैं, ‘हरसुत अखिल।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा चल पड़ी है मुंबई की ओर।