अमृत गंगा S4-25
सीज़न 4, अमृत गंगा की पचीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “हर सूर्योदय क्षितिज को, खूबसूरत रंग बिखेर कर अद्भुत मनोरम बना देता है। उसी प्रकार यह नूतन वर्ष आनंद, शांति, प्रेम, समृद्धि, ऐश्वर्य एवं अन्य भौतिक एवं आध्यात्मिक सम्पदाओं की अनूठी सुंदरता हम सब पर बरसाए!” अम्मा गणेश भजन गाती हैं, ‘जय जय जय गणनाथ गजानना।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा चल पड़ी है हैदराबाद की ओर।

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