अमृत गंगा S4-24
सीज़न 4, अमृत गंगा की चौबीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “मन का स्वभाव है कि सब कुछ होते हुए भी दुःख और निराशा में डूबा रहता है। सच्चा सुख परमात्मा में ही मिलता है—यह समझना अंतर्मुखता का पहला कदम है। जीवन का उद्देश्य अपने भीतर शाश्वत आनंद को पाना है।” अम्मा देवी भजन गाती हैं, ‘जय जगदम्बे (जय हृदयेश्वरी माँ)’ अम्मा की भारत यात्रा में – बेंगलुरु कार्यक्रम।

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