अमृत गंगा S4-11
सीज़न 4, अमृत गंगा की ग्यारहवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “हमारा मन गंदे पानी की तरह है। जब इसे छाना जाता है, तो यह शुद्ध हो जाता है। यह शुद्ध प्रेम ही वह छन्नी है, जो अहंकार के कीटाणुओं को नष्ट कर देती है।” अम्मा गणेश भजन गाती हैं, ‘वंदना करुँ मैं’। प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा – चेन्नई में।

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