अमृत गंगा S4-07
सीज़न 4, अमृत गंगा की सातवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “मन हमेशा दुखी होने का कारण ढूंढ़ता है, लेकिन दुख में डूबे रहने से घाव नहीं भरते। हमें कठिनाइयों से सीखकर, उनमें भी खुशी ढूंढ़नी चाहिए; यही आध्यात्मिकता का मार्ग है।” अम्मा भजन गाती हैं, ‘पीर जगी है’। प्रस्तुत कड़ी से हम अम्मा के संग भारत यात्रा पर मदुरै की ओर।

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