अमृत गंगा S4-01
सीज़न 4, अमृत गंगा की पहली कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “बच्चो, दुखी रहकर जीवन को गंवाओ मत! चरइवेति!” अम्मा भजन गाती हैं ‘पाशांकुशधर‘। सेवा अनुभाग में हम अमृता निकेतन की एक कहानी लेकर आए हैं – करुणा के माध्यम से जीवन में बदलाव के प्रसंग।

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