अमृत गंगा S3-73

सीज़न 3, अमृत गंगा की तिहत्तरवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘अपने अपवित्र मन को लेकर चाहे हम ज्ञान का श्रवण करें या भक्ति के पथ पर व्रत अनुष्ठान आदि करते रहें, पर कहीं नहीं पहुंचेंगे। ’ अम्मा की यात्रा ‘बोस्टन’ में जारी है। अम्मा भजन गाती हैं ‘श्री रामा जया रामा’