अमृत गंगा S3-39

​सीज़न 3, अमृत गँगा की उनतालीसवीं कड़ी में अम्मा कहती है मनुष्य-जीवन पाकर क्या हम विवेक सहित रहते हैं? विवेक जहाँ अपने आपे को खोलने की कुञ्जी है; वहीं जीव-जगत के प्रति करुणा को बढ़ाने का साधन भी है।

इस कड़ी में अम्मा की यात्रा जर्मनी के हॉफ हैरनबर्ग में ही जारी है। अम्मा ने, ‘आई है होली’ – भजन गाया है!