अमृत गंगा S3-04
अमृत गँगा, सीज़न ३ की ५वीं कड़ी में, अम्मा उस राजा की कहानी सुना रही हैं जिसका मंत्री और कवि, दोनों अधार्मिक और धोखेबाज़ थे, फिर भी उसके मन को श्रीराम से अपनी तुलना भाती थी। जब ऐसे लोगों की संगति हो तो उसका राज्य रामराज्य-तुल्य कैसे कहा जा सकता था? आदर्श राज्य पूजा-उपासना जैसा होता है, जहाँ राजा अपनी प्रजा के प्रति समर्पित होता है। आदर्श राज्य में दरिद्रता नहीं होती, प्रजा परिश्रमी होती है, और वे वही लेते हैं जो उन्होंने अर्जित किया हो।
इस कड़ी में अम्मा अपनी भारत यात्रा पर वडकरा में हैं। उत्तरी केरल की यात्रा कर रही अम्मा हिन्दी भजन गा रही हैं, ‘गोवर्धनधर गोकुल नंदन…’

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