अमृत गंगा S2-44
अमृत गँगा, सीज़न २ की चौवालीसवीं कड़ी में अम्मा कहती हैं कि लहरों में तैरना जानने वाला, आनन्द का भागी होता है जबकि तैराकी न जानने वाले डूब सकते हैं। शास्त्रों और सत्संग का श्रवण करने वाले लोगों के साथ भी कुछ ऐसा ही है। उनमें सब परिस्थितियों को समत्वपूर्वक स्वीकारने योग्य मनोबल होता है।
इस कड़ी में अम्मा की यात्रा मलेशिया के पेनांग में पहुंची है। इसी कड़ी में, अम्मा भजन गा रही हैं..आनन्द जननी..

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