अमृत गंगा S2-32
अमृत गँगा सीज़न २ की बत्तीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं कि प्रतिक्षण अनमोल है। प्रतिपल हम मृत्यु की ओर अग्रसर हैं! जो यह जानता है, वो सावधान रहेगा। हृदय और मन को युगपत कर्म करना चाहिए। मन में और अधिक विशालता और सूक्ष्मता आये! अध्यात्म-चिंतन व साधना महत्त्वपूर्ण हैं। ईश्वर हमसे प्रकृति माध्यम से बात करता है किन्तु उसे समझने के लिए हम में धर्म व नीति का समुचित बोध होना आवश्यक है।
इस कड़ी से, अम्मा की उत्तरी अमेरिका की यात्रा का श्रीगणेश सियाटल, वाशिंगटन से होने जा रहा है। इसी कड़ी में अम्मा का गाया भजन सुनिए, शिबजी भोला

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