अमृत गंगा S2-30
अमृत गँगा सीज़न २ की तीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं कि हमें बेहतर भविष्य के निर्माण के प्रति दृढ़ संकल्प लेना चाहिए। जीवन आकस्मिक, अप्रत्याशित घटनाओं की शृंखला का नाम है। हमें अपना ध्यान रुकावटों से हटा कर लक्ष्य की ओर केंद्रित करना चाहिए। हम पीछे मुड़-मुड़ कर देखते रहे तो कभी आगे नहीं बढ़ पाएंगे। परिवर्तन तभी संभव है जब प्रार्थना और पुरुषार्थ युगपत हों।
इस कड़ी में आप अम्मा की श्रीलंका यात्रा देख सकेंगे और अम्मा जो भजन गा रही हैं, वो है..वृजवन कुञ्जविहारी…

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