अमृत गंगा S2-22
अमृत गँगा सीज़न २ की बाईसवीं कड़ी में, अम्मा नवरात्रि के विषय में बताते हुए कह रही हैं कि देवी माँ की पूजा की नौ रातें मात्र धार्मिक आचार नहीं। इसे विज्ञान और वैश्विक सत्य का समर्थन भी प्राप्त है। हम न केवल देवी माँ के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं बल्कि सारी सृष्टि हमारे लिए पूज्य है। सकल सृष्टि की उत्पत्ति उस असीम दिव्य गर्भ से हुई है और यह मातृभाव हम सबमें सुप्त अवस्था में पड़ा है। हर स्त्री उसी शक्ति की मूर्ति है। देवी की सहिष्णुता सब मनुष्यों में ही नहीं, सृष्टि के सब प्राणियों में निहित है। नवरात्रि हमारे भीतर पड़े उस स्वभाव को जागृत करने का समय है।
इस कड़ी में, अम्मा की यूरोप-यात्रा स्विटज़रर्लैंड के विंटरथर में जारी रहेगी। इसी कड़ी में अम्मा जो भजन गा रही हैं,वो है..मोरपंख सिर पे…

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