अमृत गंगा S2-14
अमृत गँगा, सीज़न २ की चौदहवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं कि जागरूकता एक साधना है और यह सब समस्याओं की कुञ्जी है। जागरूकता के आने पर अज्ञान टिक नहीं सकता, अन्धकार जाता रहता है। हमें अपने विचारों, वचनों और कर्मों के प्रति जागरूक रहना चाहिए। हमारी दृढ़ निष्ठा हो कि एकमेव परमात्मा सर्वत्र व्यापक है और वही मुझमें भी क्रियाशील है। यह जागरूकता हमें साहसी बनाएगी।
इस कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा दिल्ली की ओर जारी है। भवानी जय जय… अम्मा इस कड़ी में यह भजन गा रही हैं!

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