अमृत गंगा S2-10
अमृत गंगा, सीज़न 2 की दसवीं कड़ी में, अम्मा ने कहा कि आज प्रश्न यह नहीं कि ज़्यादा कैसे जियें, बल्कि कैसी ज़िन्दगी जियें! जब तक हमें इसका समाधान अंदर से नहीं मिलता, हमारे जीवन में तृप्ति, सन्तोष का अभाव रहेगा। हम जी रहे हैं लेकिन अंदर दुःख भरा है। हमें अपने अंदर ही आनन्द को ढूंढना चाहिए। बाहरी जगत हमें परम-आनन्द नहीं दे सकता।
इस कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा ने अमदावाद की ओर रुख़ किया है। अम्मा ने इस कड़ी में भजन गाया है, ‘रोते जग में..’

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