अमृत गंगा S2-04
अमृत गंगा-सीज़न २ की चौथी कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि हम दूसरों पर उंगली उठाने से पहले अपनी ओर देखें। हम अपनी गलतियों को देखें तो माइक्रोस्कोप से, जबकि दूसरों को टेलिस्कोप द्वारा। जब हम किसी से नाराज़ हों तो उसे अपनी ही कमियाँ दिखाने वाले आईने की तरह देखा करें। अम्मा कहती हैं कि अपनी आदतों में परिवर्तन लाना है तो हमें अर्चना, जप व ध्यान जैसे साधनों को अपनाना होगा।
इस कड़ी में, अम्मा की भारत-यात्रा का कारवाँ हैदराबाद की ओर चल पड़ा है। अम्मा का भजन – वेंकटरमणा..