अमृत गंगा S2-03
अमृत गंगा के सीज़न २ की तीसरी कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि हृदय में प्रेम हो तो सर्वत्र सौन्दर्य ही सौन्दर्य दिखाई देता है। प्रेम के अभाव में, विश्व-सुन्दरी भी हमें कुरूप मालूम हो सकती है। कारण है अपना मन! जो हमें भाता हो, हो सकता है, दूसरे को बिल्कुल न भाये। आनन्द वस्तु में नहीं, हमारे अपने मन में होता है। मन के स्वभाव पर ध्यान दें। भगवान से प्रेम करने वाली गोपियों का उदाहरण लो! उन्हें जहाँ-तहाँ सौन्दर्य ही दिखाई देता था। वो जहाँ जातीं, जहाँ देखतीं, उन्हें सबमें भगवान के दर्शन होते थे।
प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा में बेंगलुरु कार्यक्रम। इस कड़ी में आप अम्मा के साथ ‘श्याम सुन्दर मदन मोहन ‘ – यह भजन गा सकेंगे!

Download Amma App and stay connected to Amma